उत्तराखंड राज्य पर कविता - मै उत्तराखंड प्रदेश हूँ - रविद्र कुमार - Uttarakhand poem Ravindra kumar - Param Himalaya

उत्तराखंड राज्य पर कविता " मै उत्तराखंड प्रदेश हूँ " रविद्र कुमार - Uttarakhand poem Ravindra kumar Param Himalaya 

उत्तराखंड राज्य पर कविता " मै उत्तराखंड प्रदेश हूँ " रविद्र कुमार param Himalaya


कविता शीर्षक : मै उत्तराखंड प्रदेश हूँ 

“मै उत्तराखंड प्रदेश हूँ ,

नदियाँ पहाड़ हैं शान मेरी,

मैं हरा भरा सा एक प्रदेश हूँ ,

देवभूमि सब कहते मुझे ,

मैं उत्तराखंड प्रदेश हूँ ।।


खो रही अब पहचान मेरी 

कटते पेड़ ले रहे जान मेरी 

अब चंद वर्षों का बचा खेल हूँ 

मैं उत्तराखंड प्रदेश हूँ ।।


ये जो नोच नोच मुझे खा रहे ,

ये सब इंसान हैं कातिल मेरे ,

इनकी महत्वाकांक्षा की चढ़ती भेंट हूं ,

मैं उत्तराखंड प्रदेश हूँ ।।


कहीं मेरे पहाडों को काट रहे ,

कहीं मेरी नदियों को बाँट रहे ,

अब बन रहा मैं बंजर खेत हूँ ,

मैं उत्तराखंड प्रदेश हूँ ।।


अपनी बदहाली पर रो रहा हूँ ,

तुम इंसानों की खबाहिशें ढो रहा हूँ ,

मेरी नदियाँ नाले सब सूख रहे ,

पल-पल मुझे सब कोस रहे ,

अब तो रूक जाओ मैं कह रहा हूँ ,

बख्श दो मुझको कब से सह रहा हूँ ,

अब बचा लो मुझे जितना बचा शेष हूँ ,

मैं उत्तराखंड प्रदेश हूँ ।।


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