Lyrics : Vishv Gagan Par Fir Se Gunje Bharat Maa Ki Jay विश्व गगन पर फिर से गूंजे - Rss geet
विश्व गगन पर फिर से गूंजे ,भारत माँ की जय जय जय।
बढ़ते जायें हो निर्भय ,बढ़ते जायें हो निर्भय।।
कालजयी है चिंतन अपना ,सभी सुखी हों एक ही सपना।
जगती है परिवार हमारा ,जगती है परिवार हमारा ,
चमके अपना शिल्विनय। । बढ़ते जायें ...
विश्व गगन पर फिर से गूंजे ,भारत माँ की जय जय जय।
बढ़ते जायें हो निर्भय ,बढ़ते जायें हो निर्भय।।
अपनी शांति को प्रकटाये ,स्नेहमृत पल -पल छलकाए
भेद अभाओं को हारना है ,भेद अभाओं को हराना है ,
मंगलमय नव अरुणोदय।। बढ़ते जाये ...
विश्व गगन पर फिर से गूंजे ,भारत माँ की जय जय जय।
बढ़ते जायें हो निर्भय ,बढ़ते जायें हो निर्भय।।
सृष्टि की समझे रचनाएँ ,सम्यक विकास पथ अपनाये
वायु जल भूमि तत्वों को ,वायु जल भूमि तत्वों को ,
सदा रखेंगे तेजोमय।। बढ़ते जायें ....
विश्व गगन पर फिर से गूंजे ,भारत माँ की जय जय जय।
बढ़ते जायें हो निर्भय ,बढ़ते जायें हो निर्भय।।
जीवन व्रत यह चले अखंडित ,तन मन धन सर्वश्व समर्पित
जतगुरू सिंहासन सोहे ,जतगुरू सिंहासन सोहे ,
गौरव महिमा हो अक्षय।।बढ़ते जायें ...
विश्व गगन पर फिर से गूंजे ,भारत माँ की जय जय जय।
बढ़ते जायें हो निर्भय ,बढ़ते जायें हो निर्भय।।