देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।।
सूरज हमें रोशनी देता, हवा नया जीवन देती है, भूख मिटाने को हम सबकी, धरती पर होती खेती है, औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें।। 1।।
पथिकों को तपती दुपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया, सुमन सुगंध सदा देते हैं, हम सबको फूलों की माला, त्यागी तरुओं के जीवन से हम परहित कुछ करना सीखे ॥2॥
जो अनपढ़ हैं उन्हें पढ़ायें, जो चुप हैं उनको वाणी दें, पिछड़ गये जो उन्हें बढ़ायें, प्यासी धरती को पानी दें, हम मेहनत के दीप जलाकर, नया उजाला करना सीखें।। 3।।
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