Lyrics - Wo Purane Din, Wo Suhane Din , वो पुराने दिन वो सुहाने दिन Poem by Piyush Mishra and sing
वो पुराने दिन
वो सुहाने दिन
आशिकाने दिन
ओस की नमी में भीगे
वो पुराने दिन
दिन गुजर गए
हम किधर गए
पीछे मुड़ के देखा पाया
सब ठहर गए
अकेले है खड़े
कदम नही बढ़े
चल पड़ेंगे जब भी कोई
राह चल पड़े
जायेंगे कहां
है कुछ पता नही
कह रहे है वो
हम की है खता नही
वो पुराने दिन
आशिकाने दिन
— पीयूष मिश्रा
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