Poem ( कविता ) : Indramani Badoni इन्द्रमणि बडोनी उत्तराखंड के गांधी Gandhi of Uttarakhand

यह कविता उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन की एक प्रमुख हस्ती इन्द्रमणि बडोनी को समर्पित है। यह महात्मा गांधी से प्रेरित अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। कविता उत्तराखंड के लोगों को जगाने और ब्रिटिश शासन से मुक्ति के लिए उनके संघर्ष में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह उन्हें एक सच्चे गांधीवादी और उत्तराखंड की भावना के प्रतीक के रूप में मनाती है।

Here's a poem dedicated to Indramani Badoni:

उत्तराखंड के गांधी

पहाड़ों की छाया में जन्मा,

इन्द्रमणि बडोनी, नाम अमर।

सत्य और अहिंसा के राह पर,

चले थे वो, निडर और धीर।

गांधी के पदचिन्हों पर चलकर,

उन्होंने उत्तराखंड को जगाया।

पहाड़ों की आवाज़ बनकर,

स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।

असहयोग आंदोलन में शामिल होकर,

उन्होंने अंग्रेज़ों का विरोध किया।

पहाड़ों के लोगों के हक़ के लिए,

अपना जीवन समर्पित किया।

उत्तराखंड का गौरव,

इन्द्रमणि बडोनी,

पहाड़ों की आवाज़,

युग-युग तक जिएगा।

English Translation:

The Gandhi of Uttarakhand

Born in the shadow of the mountains,

Indramani Badoni, an immortal name.

On the path of truth and non-violence,

He walked, fearless and calm.

Following in the footsteps of Gandhi,

He awakened Uttarakhand.

Becoming the voice of the mountains,

He fought for freedom.

Joining the Non-Cooperation Movement,

He opposed the British.

For the rights of the people of the mountains,

He dedicated his life.

The pride of Uttarakhand,

Indramani Badoni,

The voice of the mountains,

Will live forever.

This poem is a tribute to Indramani Badoni's contribution to the Uttarakhand statehood movement and his dedication to the principles of non-violence and truth. He is remembered as a true Gandhian and a champion of the people of Uttarakhand.

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