कविता Poem : वीर गाथा Veer Gatha - Param Himalaya

कविता Poem : वीर गाथा Veer Gatha - Param Himalaya

कविता Poem : वीर गाथा Veer Gatha 

भारत माँ के वीर जवानो ,

तुमको मै सत्तकार करू,

नमन- वंदना स्तुति तुमको,

तुमको मै प्रणाम करू !


समय किरदार बलवान होता है,

हर पल ने तेरा इम्तिहान लिया,

युध्द मे जाकर वीर-गाथा का

भी तुमने सम्मान किया !


जज्बा तेरा,

हिम्मत तेरी,

तेरे वीर साहस को सलाम करू,

भारत माँ के वीर जवानो तुमको मै प्रणाम करू !


चैन से सो जाते है हम,

तुम जागते रहते हो,

तिरंगे की लाज बचाने,

हर पल तत्पर रहते हो,

आन बान ते शान तुम ही हो,

मै ऐसा एलाक करू,

भारत माँ के वीर जवानो मै तुमको प्रणाम करू !


नित नये दुश्मन बनते तेरे,

नित नये मौत पैगाम लिखे,

बब्बर शेर सा जिगरा देख कर ,

दुश्मन भी तेरे काँप उठे !

सन् 65 हो या हो 71,

या मै करगिल की बात करू,

देख साहसिक हौसला तेरा,

मै " राम" कैसे ना तेरा गुणगान करू,

भारत माँ के वीर जवानो तुमको मै प्रणाम करूं !!!

जय हिन्दजय भारत 

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